Rajdulaari

Kamal Puthi, Traditional

तू महलो में रेहन वाली
मैं जोगी जटा धारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ
तू महलो में रेहन वाली
मैं जोगी जटा धारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ

पर्वत पे मैं करूं गुजारा
मेरा कोई घर बार नहीं
ब्याह कराके मेरे से मिले
सास ससुर का प्यार नहीं
तू सेजो पे सोनवालिया
खटिया पलक निवास नहीं
तू मांगेगी कहाँ से दूंगा
शीशा हार सिंगार नहीं
मुझे 56 भोग की आदत है
मैं बिलकुल पेट पुजारी हूँ
तेरे मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी

ब्रह्मा से तू ब्याह कराले
ब्रह्माणी बन जावेगी
इंद्र से तू ब्याह करवाले
इंद्राणी बन जावेगी
विष्णु से तू ब्याह कराले
पटरानी बन जावेगी
मेरे संग मैं ब्याह की हट से
तेरी हानि बनजाउगि
तू राजा हिमाचल की लाड़ली
मैं शमशान बिहारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ
तू महलो में रेहन वाली
मैं जोगी जटा धारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ

तू सोनी मैं सुंदर ना हूँ
पिता घोट के भंगा हूँ
जटा झूट भी काली कूट भी
मस्ती मैं मस्त मलंगा हूँ
रोज लड़ेगी तेरी सौतन
रखता शीश पे गंगा हूँ
देख देख तेरा दम निकलेगा
लिपटा है कई भुजंगा हूँ
ना खाने को ना पिने को
नाम का शिव भंडारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ
तू महलो में रेहन वाली
मैं जोगी जटा धारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ
महादेव शिव साई महेश्वर शम्भू
हर हर हर शिव साई शंकर शम्भू
सत साई शंकर शम्भू
रास नहीं रंग रास नहीं
कैसे मन बहेलालेगी
ठंडी बर्फ पे सोना होगा
सर्दी मैं तू डर जाएगी
हाँथ पे पड़ जायेंगे छाले
भांग का घोटा लावेगी
मेरे पास कोई नहीं सवारी
तू पीहर कैसे जावेगी
तेरे मन का कमल खिलेना
अर्ध पुरुष अर्ध नारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता मस्त मलांगा हू
तू महलो में रेहन वाली
मैं जोगी जटा धारी हूँ
तेरा मेरा मेल मिले ना
रहता अटल अटारी हूँ
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी
मैं चुप होकर भी हर बात हु
मैं दिन होकर भी अँधेरी रात हु
तू चिंता मत कर मेरी गौरा
मैं दूर होकर भी तेरे साथ हु
मैं दूर होकर भी तेरे साथ हु

Trivia about the song Rajdulaari by हंसराज रघुवंशी

Who composed the song “Rajdulaari” by हंसराज रघुवंशी?
The song “Rajdulaari” by हंसराज रघुवंशी was composed by Kamal Puthi, Traditional.

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