Unplugged Main Shiv Ka Shiv Mere

Raviraj

मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से

मेरे मन में उनके डेरे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं

मैंने बहुत बार खायी ठोकर
गिरते को संभाला है उसने
औकात मेरे से ऊपर ही
कितना कुछ दे डाला उसने

मेरे पार लगाये बेढे हैं
हर वक़्त वो नेढ़े नेढ़े हैं
मेरे दिन बाबा ने फेडे हैं
मैं और क्या मांगूं शंकर से

मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगू शंकर से

भोले ने दिया है ये जीवन
भोले के नाम पे है जीवन
रवि राज के दिल में है शंकर
ऐसे ही नहीं चलती धड़कन

हर सांस पे उनके पहरे हैं
सब रस्ते उनपे ठहरे हैं
मेरे सब दिन रात सुनहरे हैं
मैं और क्या मांगू शंकर से

मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं
मैं और क्या मांगू शंकर से

Trivia about the song Unplugged Main Shiv Ka Shiv Mere by हंसराज रघुवंशी

Who composed the song “Unplugged Main Shiv Ka Shiv Mere” by हंसराज रघुवंशी?
The song “Unplugged Main Shiv Ka Shiv Mere” by हंसराज रघुवंशी was composed by Raviraj.

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