Aaj Mere Saath Sirf Tum Ho
आज मेरे साथ सिर्फ़ तुम हो
दिन हो या रात सिर्फ़ तुम हो
आज मेरे साथ सिर्फ़ तुम हो
अब मुझे याद सिर्फ़ तुम हो
प्यार तेरा एहसास तेरा
जितना मिले उतना कम है
हो आज मेरे साथ सिर्फ़ तुम हो
दिन हो या रात सिर्फ़ तुम हो
ओवा आ आ व व व ओवा आ आ व व व
कितनी शामें आई ओर गयी
जब तुम ना थे कोई था नही
तुम जो आए मौसम खिल गये
तुमसे क्या मिले खुद से मिल गये
अब तो चाहे है मंज़िल भी ना मिले
करता रहूं सफ़र तेरा
कल मुझमें ना साँस रहे
फिर भी ना वफ़ा ये ख़त्म हो
हो आज मेरे साथ सिर्फ़ तुम हो
दिन हो या रात सिर्फ़ तुम हो
ओवा आ आ व व व ओवा आ आ व व व