Gazab Ka Hai Din Bawara Mann

ABHIJIT SHARAD VAGHANI, ANAND CHITRAGUPTA SHRIVASTAVA, CHIRANTAN BHATT, JUNAID WASI, MAJROOH SULTANPURI, MILIND CHITRAGUPTA SHRIVASTAVA

क़सम से

क़सम से

क़सम से

देख लो हमको क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
हो देख लो हमको क़रीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
ये पल फिर कहाँ
और ये मंज़िल फिर कहाँ

हाँ-हाँ बावरा मन राह ताके तरसे रे
नैना भी मल्हार बनके बरसे रे
आधे से, अधूरे से बिन तेरे हम हुए
फीका लगे है मुझको सारा जहाँ (क़सम से)
क़सम से

मैं काग़ज़ की कश्ती, तू बारिश का पानी
ऐसा है तुझसे अब ये रिश्ता मेरा

तू है तो मैं हूँ, तू आए तो बह लूँ
आधी है दुनिया मेरी तेरे बिना

आधी है दुनिया मेरी तेरे बिना

जी उठी १०० बार तुझपे मरके रे
नैना ये मल्हार बनके बरसे रे
आधे से, अधूरे से बिन तेरे हम हुए
फीका लगे है मुझको सारा जहाँ (फीका लगे है मुझको सारा जहाँ)

हो-हो, ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम हैं अकेले (तुम हो अकेले, हम हैं अकेले)
मज़ा आ रहा है, क़सम से (क़सम से)
क़सम से (क़सम से)
क़सम से

Trivia about the song Gazab Ka Hai Din Bawara Mann by शान

Who composed the song “Gazab Ka Hai Din Bawara Mann” by शान?
The song “Gazab Ka Hai Din Bawara Mann” by शान was composed by ABHIJIT SHARAD VAGHANI, ANAND CHITRAGUPTA SHRIVASTAVA, CHIRANTAN BHATT, JUNAID WASI, MAJROOH SULTANPURI, MILIND CHITRAGUPTA SHRIVASTAVA.

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