Sun Zara- Tujhe Bhula Diya

Sameer, Kumaar, Vishal Dadlani

हु हु हु हु हो हु हु हु हु
हु हु हु हु हो हु हु हु हु
काली काली खाली रातों से
होने लगी है दोस्ती

हु हु खोया खोया इन राहों में
अब मेरा कुछ भी नही

हर पल हर लम्हा
मैं कैसे सेहता हूँ
हर पल हर लम्हा
मैं खुद से ये कहता रेहता हूँ

आज खामोशियों से आ रही है सदा
धड़कने हैं दीवानी
दिल भी कुछ केह रहा है
सुन ज़रा सोनिये सुन ज़रा
सुन ज़रा सोनिये सुन ज़रा

तेरी यादों में लिखे जो
लफ्ज़ देते है सुनाई
बीते लम्हे पूछते हैं
क्यूँ हुए ऐसे जुदा खुदा
खुदा मिला जो ये फासला है
खुदा तेरा ही ये फ़ैसला है
खुदा होना था वो हो गया

जो तूने था लिखा
खोया खोया इन राहों में
अब मेरा कुछ भी नही
हर पल हर लम्हा
मैं कैसे सेहता हूँ
हर पल हर लम्हा
मैं खुद से ये केहता रेहता हूँ

सुन ज़रा सोनिये सुन ज़रा
सुन ज़रा सोनिये सुन ज़रा
आज खामोशियों से आ रही है सदा
धड़कने हैं दीवानी
दिल भी कुछ केह रहा है
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म

Trivia about the song Sun Zara- Tujhe Bhula Diya by शान

Who composed the song “Sun Zara- Tujhe Bhula Diya” by शान?
The song “Sun Zara- Tujhe Bhula Diya” by शान was composed by Sameer, Kumaar, Vishal Dadlani.

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