Aakhri Khat Hai Mera [Live]
इस महफ़िल की आखरी पेशकश
ये खूबसूरत नज्मे शायर हे जनाब नज्मे
फिर मेरे दिल पे किसी
दर्द ने करवट ली हैं
फिर तेरी याद के
मौसम की घटा च्छाई हैं
फिर तेरे नाम कोई खत
मुझे लिखना होगा
तेरा सड़बाट सवाले तेरा हैं
आखरी खत हैं मेरा
जिसे पे हैं नाम तेरा
आज के बाद कोई
खत लिखूंगा तुझ को
आखरी खत हैं मेरा
जिसे पे हैं नाम तेरा
आज के बाद कोई
खत लिखूंगा तुझ को
आखरी खत हैं मेरा
भूल जवँगा तुझे
ये तो नही कह सकता
दिल पे चलता हैं कहाँ
ज़ोर मोहब्बत करके
फिर भी इश्स बात की लेता हूँ
कसम आए हुंदम
मैं ना तड़पवँगा
तुझको ना कभी नफ़रत करके
बेवफा तू हैं कभी
मैं ना कहूँगा तुझको
आज के बाद कोई
खत लिखूंगा तुझको
आखरी खत हैं मेरा
याद भी बीते हुए
लम्हों की सताएगी अगर
आप अपने से कहीं
डोर निकल जवँगा
इश्स पॅयन अगर
तुझसे मुलाकात हुई
अजनबी बनके
तेरी राह से चला जवँगा
दिल तो चाहेगा पर
आवाज़ ना दूँगा तुझको
आज के बाद कोई
खत लिखूंगा तुझको
आखरी खत है मेरा
ये तेरा सहेर ये गलियाँ
दर दीवार ये घर
ये टूटे हुए खाबों की
यही जानत हैं
कल ये सब छ्चोड़ के
जाना हैं बहोट डोर मुझे
जिस जगाह डोर हैं
सेहरा हैं मेरी किस्मत में
याद मत करना मुझेओ
अब ना मिलूँगा ना तुझको
आज के बाद कोई
खत लिखूंगा तुझको
आखरी खत हैं मेरा
जिसे पे हैं नाम तेरा
आज के बाद कोई
खत लिखूंगा तुझ को
आखरी खत हैं मेरा