Dhoop Bhari Chhat Pe [Live]
साजन दरिया पार गये
ना चुप चुप राह ताकूँ
बछिया बैठी तान में होवे
किसे बात करूँ
जाने उन बिन क्या हो जाता हैं
मेरे जी को
चौका बसन करता हो
चक्की पीस सकूँ
धूप भारी च्चत पे
धूप भारी च्चत पे
बरस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागण सा लहरा के
नागिन सा लहरा के दस गया पानी
धूप भारी च्चत पे
बरस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागिन सा लहरा के दस गया पानी
धूप भारी च्चत पे
झूले में लहराए सतरंग सावन
जागे पड़ोसी जगाए पड़ोसी जो गये पड़ोसन
झूले में लहराए सतरंग सावन
जागे पड़ोसी जगाए पड़ोसी जो गये पड़ोसन
छान चना छान छान चना छान
बिना के तारो सा
बिना के तारो सा कस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागिन सा लहरा के दस गया पानी
धूप भारी च्चत पे
खिड़की अंडारो में खिड़की को खीछे
मौसम ना देखें कभी आयेज पीछे
खिड़की अंडारो मे खिड़की को खीछे
मौसम ना देखे कभी आयेज पीछे
लेकिन गली अपनी आँखे ना मिचे
थाना कचारी में
थाना कचारी में फस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागिन सा लहरा के दस गया पानी
धूप भारी च्चत पे
च्चत पर की कुटिया ना कुंजी ना ताले
जब चाहें बरसात नींदे चुराए
च्चत पर की कुटिया ना कुंजी ना ताले
जब चाहें बरसात नींदे चुराए
रोटी को बेले या घर को संभाले
झलते तवे पर
झलते तवे पर झुलस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागिन सा लहरा के दस गया पानी
धूप भारी च्चत पे
बरस गया पानी
आँगन में आके अंगीठी भुझा के
नागिन सा लहरा के दस गया पानी
धूप भारी च्चत पे