Mere Man Ki Beena
J S Kashyap
मेरे मन की बीना
झहहन झहहन कल कल बोले रे
मेरे मन की मीठी
मस्त नज़रिया डोले रे
मैं डाल डाल उड़ जौन
बन की ई बन की तितली बन
फहर फहर कर पत्तों
में कहीं च्छूप जौन
नहीं पकडाई मैं अओन
तुम डाल डाल मैं पात पात उड़
संग संग डोलें
अमृत रस घोलें रे
मेरे मन की बीना
झहहन झहहन कल कल बोले रे
मेरे मन की मीठी
मस्त नज़रिया डोले रे
मैं मदमस्ती सावन की
घटा बन जौन रे
रिमझिम रिमझिम रस की
बूँदें बरसओन रे
मैं मोर बनूँ
नाचून गओन इटलाऊं
पिहु पिहु बोलूं
बाघों में तुम्हे बुलओन
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
मैं काली बनूँ
तोरे लिए खिलूं
तोरे लिए खिलूं
मैं भँवरा बनूँ
तोहे आन मिलूं
हो तोहे आन मिलूं
हिलमिल हम दोनो
झूलें प्रेम हिंडोले
पवन झहहकोले ले
मेरे मन की बीना
झहहन झहहन कल कल बोले रे
मेरे मन की मीठी
मस्त नज़रिया डोले रे