Sehra

Vilen

मेरे सेहरा में रुकना
सेहरा में रुक जाना
ढूंढे गैरो में दुख
अपनों में छुप जाना
मैं भी ठहरा खामोश
तू भी क्यों है चुप जाना
तेरी यादों में होके
मगन में भी खुश जाना
लेके आंखों में दुख
मेरे जाने सुख जाना
है इरादों में कुछ तो बदले
क्यों रुख जाना
क्यों है घूंघट का मोती
पाजेब सा झुक जाना
जो तू छन से बजे तो
मैं तन से जपू तेरा नाम

आ करे बया
ये मोहब्बत के मायने
धुन बजे तो ना
कोई अनसुरी बात रे
तोरी अखिया पडू
फिर सवालों में मैं
सारी रतिया जगू
इन खयालों में मैं
जे तू कह दे मोहे के मैं तेरा सजन
तोरी बाइयाँ पडू और ले जाऊ तुझे
दूर कहीं जहां बैठे यादों के घाट रे
फिर कहे वो बात लेके हाथों में हाथ रे

Trivia about the song Sehra by विलेन

Who composed the song “Sehra” by विलेन?
The song “Sehra” by विलेन was composed by Vilen.

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