Kya Tu Ne Kbhi Socha
कभी तूने सोचा तू क्यूँ
रहती उदास
पास, जो तू ना मेरे पास
समझे ये ना तुझको जैसे
हो कोई राज़
पास, जो मैं ना तेरे पास
कितना कुछ देखा तूने
कितना कुछ ना कहा
फिर भी मैं सोचूँ हर पल
कैसे इतना सहा
तू ना जाने, तू ना माने
मुझे बनाया है तेरे लिए
आँसू तेरे जब हैं गिरते
हाथ हैं मेरे उनके लिए
वक़्त और फ़ासलें कुछ ना
तेरे आगे
दिल की दरीचों से तुझ तक
आ जाऊँ जो तू पुकारे
तेरे दिल में तब तक
जब तक तू चाहे
मुस्कुराए, हँसती रहें सदा
दुआ है मेरी, हमेशा तू खिलती रहें
मैं कह ना पाया ये तुझसे
तू मोहब्बत थी मेरी
खुदा से मांगूँ यहीं बस
तू खुश रहें
तू खुश रहें, तू खुश रहें
ज़िन्दगी मुकम्मल जो तुम
हमको मिले
पास, जो तुम आए पास
साँसें हैं जुड़ी सी और
धड़कन है बढ़ी
पास, जो मैं हूँ तेरे पास
तेरी मुस्कुराहट में
हमारी चाहत
और तेरी चाहत में हमारी उल्फ़त
तू जो चाहे वो ही पाए
है खुदा से दुआ ये मेरी
खुशियों से मैं झोली भर दूँ
आँच भी ना आए कभी
वक़्त और फ़ासलें कुछ ना
तेरे आगे
दिल की दरीचों से तुझ तक
आ जाऊँ जो तू पुकारे
तेरे दिल में तब तक
जब तक तू चाहे
मुस्कुराए, हँसती रहें सदा
दुआ है मेरी, हमेशा तू खिलती रहें
मैं कह ना पाया ये तुझसे
तू मोहब्बत थी मेरी
खुदा से मांगूँ यहीं बस
तू खुश रहें
तू खुश रहें, तू खुश रहें