Pareshaan [MTV Unplugged]

AMIT TRIVEDI, KAUSAR MUNIR

नए नए नैना रे ढूंढे है दरबदर क्यों तुझे
नए नए मंज़र ये तकते है इस कदर क्यूँ मुझे
जरा जरा फूलो से जड़ने लगा दिल मेरा
जरा जरा कांटो से लगने लगा दिल मेरा
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान आतिशे वो कहाँ
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान रंजिसे है धुँआ हाँ

तश खा के गलियाँ मुड़ने लगी हैं मुडने लगी है (मुडने लगी है)
राहों से तेरी जुड़ने लगी है जुड़ने लगी है (जुड़ने लगी है)
चौबारे सारे ये मीलो के मारे से पूछे हैं तेरा पता(हा हा)
जरा जरा चलने से थकने लगा है दिल मेरा (जरा जरा)
जरा जरा उड़ने को करने लगा दिल मेरा (जरा जरा)
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान दिलकशी का समां
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान ख्वाहिशो का समां

पा पा प प प रा रा पा पा प रा प रा प रा पा पा पा पा प रा प रा प रा
पा पा प प प रा रा पा पा प रा प रा प रा पा पा पा पा प रा प रा प रा पा पा
बे बात खुद पे मरने लगी हूँ मरने लगी हूँ
बे बाक आहे भरने लगी हूँ भरने लगी हूँ
चाहत के छीटे है खारे भी मीठे है मैं क्या से क्या हो गई
जरा जरा फितरत बदल ने लगा दिल मेरा
जरा जरा किस्मत से लड़ने लगा दिल मेरा
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान
कैसी मदहोशिया
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान
मस्तियाँ मस्तियाँ
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान
आतिशे वो कहाँ
मैं परेशान परेशान परेशान परेशान रंजिशे है धुँआ हाँ
पा पा प प प रा रा पा पा प रा प रा प रा पा पा पा पा प रा प रा प रा पा पा पा
पा पा प प प रा रा पा पा प रा प रा प रा पा पा पा पा प रा प रा प रा पा पा पा

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