Abhi Ajnabee
Satish Tripathi
अभी अजनबी थे अभी तो मिले है
अभी आपके हम करीब आ गए है
नयी हसरतों पे बिछी ज़िन्दगी है
बनके वह मेरे नसीब आ गए है
तुम्हे खुद को सौपा रिहा हो गयी हूँ
इबादत के आगे फ़ना हो गयी हूँ
तेरे संग हम दम कदम जो बढे है
ऐसा लगा के फलक पे खड़े है
मेरी ख्वाइशें अब निखरने लगी है
बनके मेहरबा हबीब आ गए है
अभी अजनबी थे अभी तो मिले है
अभी आपके हम करीब आ गए है
ख्वाबों के पल को हवा में पसारे
उड़ने लगे है अरमान हमारे
जहाँ देखती हूँ वही रोशनी है
नयी ज़िन्दगी है जन्नत नशी है
मेरी ज़िन्दगी अब सवारने लगी है
मंज़िले के यूँ हम करीब आ गए है
अभी अजनबी थे अभी तो मिले है
अभी आपके हम करीब आ गए है