Awaaz
SAMEER ANJAAN, SACHIN JAYISHORE SANGHVI, JIGAR MUKUL SARAIYA
कब तक यह दुनिया आँखो को मीचे
सोती रहेगी तकिये के नीचे
ज़ुबान पे ताले रखेंगे कब तक
खूंती से खाब बँधे रहेंगे कब तक
आवाज़ दो अपने दिल को, आज़ादिया हासिल हो
आवाज़ दो अपने दिल को, आज़ादिया हासिल हो
जिन कदमो मे हो चलता जुनून, रोके रुके वो कहा
जिन बाहो को थामे यकीन, थामे उसे यह जहाँ, यह जहाँ
जिन कदमो मे हो चलता जुनून, रोके रुके वो कहा
जिन बाहो को थामे यकीन, थामे उससे यह जहाँ
उड़ जाने दो, बह जाने दो
खुदी को दो परवाज़ वो, खुदा के दिल को चू ले जो
आवाज़ दो अपने दिल को, आज़ादिया हासिल हो
आवाज़ दो अपने दिल को, आज़ादिया हासिल हो