Khud Se Jo Vada Kiya Tha
Shiv-Hari, Fazli Nida
खुद से जो वादा किया था वो निभाया ना गया
खुद से जो वादा किया था वो निभाया ना गया
हमने चाहा तो बहोत तुमको भुलाया ना गया
खुद से जो वादा किया था वो निभाया ना गया
कैसा रिश्ता है यह दो टूटे हुए ख्वाबों का
कैसा रिश्ता है यह दो टूटे हुए ख्वाबों का
वोही अपने है जिन्हे अपना बनाया ना गया
वोही अपने है जिन्हे अपना बनाया ना गया
तुमने छोड़ा था जहाँ हम तो वहीं पे अब तक
तुमने छोड़ा था जहाँ हम तो वहीं पे अब तक
हम जहाँ मिलते वहाँ तुमसे ही आया ना गया
हम जहाँ मिलते वहाँ तुमसे ही आया ना गया
आप ही आप बरसने लगी आँखें कैसे
आप ही आप बरसने लगी आँखें कैसे
तुमको देखा तो कोई राज़ छुपाया ना गया
हमने चाहा तो बहोत तुमको भुलाया ना गया
खुद से जो वादा किया था वो निभाया ना गया