Mubarak Ho

Meer

भूल चुके हो मोहब्बत को शायद
तभी हम तुमको है याद नहीं अब
कांपी नहीं क्या रूह तुम्हारी
बेच रहे थे जब वफ़ा तुम हमारी

हम खातिर तेरे तबाह हुए
तुम हो गये आबाद
मुबारक ओ मुबारक

बिखरते वक़्त किसी की बाहों में
तुम्हे आयी नहीं मेरी याद
मुबारक ओ मुबारक

प्यार जो तू करता रहा
वो झूठ था सिर्फ झूठ था
टूट गया मेरा तारा ओ यारा
तुझे तेरे दिल का ये चाँद
मुबारक ओ मुबारक

हम खातिर तेरे तबाह हुए
तुम हो गये आबाद
मुबारक ओ मुबारक

तुझको मालुम था तू मेरे
दिल की कमज़ोरी थी
जो किया तूने वो तो चोरी
पे सीना जोरी थी

तुझको मालुम था तू मेरे
दिल की कमज़ोरी थी
जो किया तूने वो तो चोरी
पे सीना जोरी थी

शर्म की हद को तूने पार किया
मीर को जीते जी तूने मार दिया
क़त्ल जिस का तूने किया
वो ख्वाब था, हा ख्वाब था

इक खुशखबरी है तेरे लिए
मैं हो गया बर्बाद
मुबारक ओ मुबारक

हम खातिर तेरे तबाह हुए तुम हो गये आबाद
मुबारक ओ मुबारक

जिसे तोडा है तुमने
वो दिल खुद जोड़ रहे है
जिसे तोडा है तुमने
वो दिल खुद जोड़ रहे है
तुम्हारी ख़ुशी के खातिर
तुम्हे ही छोड़ रहे है
तुम्हे ही छोड़ रहे है

Trivia about the song Mubarak Ho by सोहम नाइक

When was the song “Mubarak Ho” released by सोहम नाइक?
The song Mubarak Ho was released in 2022, on the album “Mubarak Ho”.
Who composed the song “Mubarak Ho” by सोहम नाइक?
The song “Mubarak Ho” by सोहम नाइक was composed by Meer.

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