Barsaat Bhi Aakar

Bablu Chakraborty, R D Burman, Rajinder Krishnan

बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गए

बरसात भी आकर चली गयी
बादल भी गरज कर बरस गए
पर उसकी एक झलक को हम
ऐ हुस्न के मालिक तरस गए
कब प्यास बुझेगी आँखों की
दिन रात यह दुखड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस यह है कि वो हमसे
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है

जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शम्मा जलाना भूल गए

हाँ जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शम्मा जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना जाना भूल गए
अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस यह है कि वो हमसे
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है
मेरे सामनेवाली खिड़की में
एक चाँद का टुकड़ा रहता है

Trivia about the song Barsaat Bhi Aakar by Abhijeet

Who composed the song “Barsaat Bhi Aakar” by Abhijeet?
The song “Barsaat Bhi Aakar” by Abhijeet was composed by Bablu Chakraborty, R D Burman, Rajinder Krishnan.

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