Hawa Sard Hai [Jhankar]
हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो
हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो
बंद कमरे में
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
पास बैठो
ओ पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
सुरमई घटा शबनमी समां
दिल में प्यास है धड़कनें जवाँ
सुरमई घटा शबनमी समां
दिल में प्यास है धड़कनें जवाँ
ऐसे हम भला अब दूर क्यों रहे
मिलके जुदाई का यह दर्द क्यों सहे
छू के गुलाबी लबों को छाने लगा है नशा
बाहों में आके तेरी क्यों आने लगा है मज़ा
अपनी निगाहों में नज़र बंद कर लो
पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
पास बैठो ज़रा बातें चंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
सिर्फ हम यहां तीसरा नहीं
बीत जाए ना वक़्त यह हसीं
सिर्फ हम यहां तीसरा नहीं
बीत जाए ना वक़्त यह हसीं
दूरी नहीं कोई दोनों के दरमियाँ
किस्मत से है मिला मौका यह दिलरुबा
यह मेरे दिल की सदा है मुझको गले से लगा
साँसों में तुझको बसा लू आ मेरी बाहों में आ
हुस्न के जलवों को तुम पसन्द कर लो
हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो
हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो
हवा सर्द है खिड़की बंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो
बंद कमरे में चाहत बुलंद कर लो