Resham Jaisi

Javed Akhtar

रेशम जैसी है राहे
खोले है बाहे ये वाडिया
मौसम सारे है अपने
रागिन सपने है मेहरबान
यूँ ही गाएगे मिल के
हम गीत दिल के सदियो यहा
रेशम जैसी है राहे
खोले है बाहे ये वाडिया
मौसम सारे है अपने
रागिन सपने है मेहरबान

हो महकी है कालिया फूल खिलते है
देखो जहा हम दोनो मिलते है
महकी है कालिया फूल खिलते है
देखो जहा हम दोनो मिलते है
कल हम ना होगे ये बहारे फिर भी आएगी
शायद हमारी मेरी कहानी दोहराएगी
कोई भी तो हमारा ढूँढ लेगी ये निशान
रेशम जैसी है राहे
खोले है बाहे ये वाडिया
मौसम सारे है अपने
रागिन सपने है मेहरबान

हो आवाज़ जैसे गुजी है
मेरे लए दुनिया में तू ही है
आवाज़ जैसे गुजी है
मेरे लए दुनिया में तू ही है
मार के भी जाना तेरे दर पे लौट अवंगा
ये दिल तेरा दिल हथेली पे मैं लाओगा

रेशम जैसी है राहे
खोले है बाहे ये वाडिया
मौसम सारे है अपने
रागिन सपने है मेहरबान
यूँ ही गाएगे मिल के
हम गीत दिल के सदियो यहा.

Trivia about the song Resham Jaisi by Abhijeet

Who composed the song “Resham Jaisi” by Abhijeet?
The song “Resham Jaisi” by Abhijeet was composed by Javed Akhtar.

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