Panchhi Nadiyan Pawan Ke Jhonke [Lofi 1]
उपरवाले ने अपनी महोब्बत के सदके में
हम सब के लिए ये धरती बनायीं थी
पर महोब्बत के दुशमनो ने
इस पर लकीरे खिचकर सरहदे बना दी
मैं जानता हूं वो लोग तुम्हे इस पार नहीं आने देंगे
मगर ये पवन जो तुम्हारे यहाँ से होकर आयी है
तुमे छुकर आयी होगी
मैं इसे सांस बनाकर
अपने सीने में भर लुंगा
ये नदिया जिसपर झुककर
तुम पानी पिया करते हो मैं इसके पानी से
अपने प्यासे होठों को भिगों लुंगी
समझूंगी तुम्हारे होठों को छू लिया
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के
जो हम दोनों पंछी होते
तैरते हम इस नील गगन में पंख पसारे
सारी धरती अपनी होती
अपने होते सारे नज़ारे
खुली फ़िज़ाओं में उड़ते
खुली फ़िज़ाओं में उड़ते
अपने दिलो में हम सारा प्यार समो के
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के
पंछी नदिया पवन के झोंके
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहदें इन्सानों के लिए हैं
सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के