BARBAAD

Raftaar

नी आज सारी रात नी सोना
नी आज सारी रात नी सोना
वे आज तेरी बात हुई

नी मेथो सही
जानी ना जुदाइयाँ
हाय रब केडी
करदा खुदाइयाँ
नी आँखों बरसात हुई

जेड़ियाँ माड़ियाँ मेरे साथ हुई
लगदा दुनिया बर्बाद हुई
जेड़ियाँ माड़ियाँ मेरे साथ हुई
लगदा दुनिया बर्बाद हुई

रफ़्तार येह!

किससे तेरी बात चली क्या पता
जिससे भी बात चली लापता
इससे ना उससे है मतलब है तुझसे
और तुझसे भी पुछा
तो तुझको भी ना पता

क्या पता कब से छुपाये तूने राज़ तेरे
आस पास में कौन ज़्यादा ख़ास तेरे
एक आवाज़ पे आने वाले कितने है
कितने जो तेरे लिए सांस ले रहे

मतलब की दुनिया में ग़म में
गुमनामी क्या ये भी ठीक है
लेखा है जोखा है किस्मत का
या किस्मत से मिलती भीख है

ठीक है ठीक है ये भी तो सीख है
दिल थोड़ा वीक है बुद्धि सटीक है
दिल के करीब नसीब से आती हैं
खुशियां और खुशियां अमीरों की

तभी तो सबसे गरीब मैं
सबसे नाराज़ में
वजह है दर्द के दूर
सीने का दर्द है पास में

कभी ना कहा की तेरा ही सारा कसूर
मुझको ना आना तू याद
मैं रहूँ आज़ाद
तो रहूँ आबाद मैं
पर तेरे साथ में, बर्बाद मैं

जेड़ियाँ माड़ियाँ मेरे साथ हुई
लगदा दुनिया बर्बाद हुई
जेड़ियाँ माड़ियाँ मेरे साथ हुई
लगदा दुनिया बर्बाद हुई

दिल तोड़ मेरा देके
मेरे हाथ चली
उतना काफी ना था
जितना भी तू साथ चली
तेरी यादों में
दीवाने की है रात चली
कितने किस्से तेरे
किससे तेरी बात चली

जेड़ियाँ माड़ियाँ मेरे साथ हुई
लगदा दुनिया बर्बाद हुई
बर्बाद हुई
बर्बाद हुई
बर्बाद हुई
बर्बाद हुई

Trivia about the song BARBAAD by Afsana Khan

Who composed the song “BARBAAD” by Afsana Khan?
The song “BARBAAD” by Afsana Khan was composed by Raftaar.

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