Mahiye Jinna Sohna
Sumit Goswami
खुद से ही करके गुफ्तगू,
कोई कैसे जिए
इश्क़ तो लाज़मी सा है
ज़िंदगी के लिए
दिल क्या करे
दिल को अगर
अच्छा लगे कोई
झूठा सही
दिल को मगर
सच्चा लगे कोई
जीने भी दे,दुनिया हमें
इल्ज़ाम ना लगा
खुद से ही करके गुफ्तगू,
कोई कैसे जिए
इश्क़ तो लाज़मी सा है
ज़िंदगी के लिए
दिल क्या करे
दिल को अगर
अच्छा लगे कोई
झूठा सही
दिल को मगर
सच्चा लगे कोई
जीने भी दे,दुनिया हमें
इल्ज़ाम ना लगा