Dekha Sung Terey

ALI ZAFAR

देखा सुंग तेरे
हम ने चलते चलते
देखा सुंग तेरे
हम ने चलते चलते
के रास्ते तेरे मेरे
कहीं नहीं मिलते
कहीं नहीं मिलते
देखा सुंग तेरे
हम ने चलते चलते
के रास्ते तेरे मेरे
कहीं नहीं मिलते
कहीं नहीं मिलते

तू प्यार है मेरा
कब में ने इनकार किया
मुझ से कब मिलोगे
कितना इंतेज़ार किया
इंतेज़ार में करूँ क्यूँ
तुम जो नहीं मिलते
के रास्ते तेरे मेरे
कहीं नहीं मिलते
कहीं नहीं मिलते

फ़िज़ा का यह काम है
उज़ार दे गुलशन को
बाहर का मकाम है
सहर दे गुलशुन को
बाहर क्या करे जो
सब फूल नहीं खिलते
के रास्ते तेरे मेरे
कहीं नहीं मिले
कहीं नहीं मिलते

देखा सुंग तेरे
हम ने चलते चलते
के रास्ते तेरे मेरे
कहीं नहीं मिलते
कहीं नहीं मिलते
कहीं नहीं मिलते
कहीं नहीं मिलते

Trivia about the song Dekha Sung Terey by Ali Zafar

Who composed the song “Dekha Sung Terey” by Ali Zafar?
The song “Dekha Sung Terey” by Ali Zafar was composed by ALI ZAFAR.

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