So Gaye Hain

Javed Akhtar

सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने

कोई तो आता, फिर से कभी
इनको जगाने
कोई तो आता, फिर से कभी
इनको जगाने

सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने

सांस भी लेती हैं जो कठपुतलियाँ
उनकी भी थामे है कोई डोरियाँ
आँसुओं में भीगी है खामोशियाँ

सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने

दिल में इक परछाई है, लहराई सी
आरज़ू मेरी है इक अंगड़ाई सी
इक तमन्ना है कहीं शरमाई सी

सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने...
सो गए हैं, खो गए हैं
दिल के अफ़साने...

Trivia about the song So Gaye Hain by A.R. Rahman

When was the song “So Gaye Hain” released by A.R. Rahman?
The song So Gaye Hain was released in 2000, on the album “Zubeidaa”.
Who composed the song “So Gaye Hain” by A.R. Rahman?
The song “So Gaye Hain” by A.R. Rahman was composed by Javed Akhtar.

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