अब रात

Puneet Sharma

चाँद की आँखें भारी सी हैं
रात अँधेरी हारी सी है

चाँद की आँखें भारी सी हैं
रात अँधेरी हारी सी है
मान भी जा ठहर जरा
सबेरा कोई दूर है क्या
बस
अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
बस रात गुजरने वाली है

दर्द दर्द अँधेरा
ज़ख्म सी चांदनी धुल जाएगी
धुप में सर्द हाथों का घेरा
शहर की बेरुखी खो जायेगी
गूंज में परिंदो की अज़ाने
गुनगुनाती राह भी
कहती आँखें चूम के
बस
अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
बस रात गुजरने वाली है
मेरी सुनो तो आँखें मूंदो
खुद में ही ढूंढो
नया एक नजरिया
खौफ में तूमने छुपा रखा है
अपने भीतर नूर का दरिया
बहने दो उसे वो धो देगा
दीवार जो मन की काली है
अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
बस रात गुजरने वाली है

Trivia about the song अब रात by Arijit Singh

Who composed the song “अब रात” by Arijit Singh?
The song “अब रात” by Arijit Singh was composed by Puneet Sharma.

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