Dekha Hazaro Dafaa

Manoj Muntashir

देखा हज़ारों दफ़ा आपको
फिर बेक़रारी कैसी है
संभाले संभलता नहीं ये दिल
कुछ आप में बात ऐसी है
लेकर इजाज़त अब आप से
सांसें ये आती जाती है
ढूंढें से मिलते नहीं हैं हम
बस आप ही आप बाकी हैं

पल भर ना दूरी सहें आप से
बेताबियां ये कुछ और हैं

हम दूर होक भी पास हैं
नजदीकियां ये कुछ और हैं
देखा हज़ारों दफ़ा आपको
फिर बेक़रारी कैसी है
संभाले संभलता नहीं ये दिल
कुछ प्यार में बात ऐसी है
हो हो ओ ओ ओ हो हो

आगोश में है जो आपकी
ऐसा सुकून और पायें कहाँ

आँखें हमें ये रास आ गयी
अब हम यहाँ से जायें कहाँ
देखा हज़ारों दफ़ा आपको
फिर बेक़रारी कैसी है
संभाले संभलता नहीं ये दिल
कुछ प्यार में बात ऐसी है
हम्म हम्म हम्म हम्म
फिर बेक़रारी कैसी है
हम्म हम्म हम्म हम्म
कुछ प्यार में बात ऐसी है

Trivia about the song Dekha Hazaro Dafaa by Arijit Singh

Who composed the song “Dekha Hazaro Dafaa” by Arijit Singh?
The song “Dekha Hazaro Dafaa” by Arijit Singh was composed by Manoj Muntashir.

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