Intezaar [Lounge Mix]

MITHUN SHARMA

फिर कहीं दिल ने महसूस किया था
एक दफा फिर से जिंदा ये हुआ था
नज़र जो आया तो तो जीना आया
नज़र से फिर क्यों तू
गुम हो गया पल मैं ही
हाँ तेरा इंतेज़ार है
कहाँ करार है
है तेरी आस ही दिल को
हाँ बेशुमार है
बयान करूँ कैसे
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है

न मेरी कमी न तेरी खता
मोहब्बत में दोनों ने पायी सज़ा
दिल में नही वफ़ाएँ थी कम
मगर वक़्त हम पे न था मेहरबां
किसी कहानी में तू होगा मेरा
हाँ उस कहानी में
मिलना मुझे फिर कहीं
हाँ तेरा इंतेज़ार है
कहाँ करार है
है तेरी आस ही दिल को
हाँ बेशुमार है
बयान करूँ कैसे
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है (तेरा इंतेज़ार है)

Trivia about the song Intezaar [Lounge Mix] by Arijit Singh

Who composed the song “Intezaar [Lounge Mix]” by Arijit Singh?
The song “Intezaar [Lounge Mix]” by Arijit Singh was composed by MITHUN SHARMA.

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