Kalank

Amitabh Bhattacharya

हवाओं में बहेंगे घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुवे तो किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी मैं तेरा पागल पिया
हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी
मिली है इक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यों चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
पिया पिया पिया रे पिया रे पिया रे
पिया रे पिया रे पिया रे पिया रे

दुनिया की नजरों में ये रोग है
हो जिनको वो जाने ये जोग है
इक तरफा शायद हो दिल का भरम
दो तरफा है तो ये संजोग है
लायी रे हमें जिंदगानी की कहानी
कैसे मोड़ पे
हुवे रे खुद से पराये
हम किसी से नैना जोड़ के
हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी
मिली है इक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यों चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया
मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा
मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा
मैं गहरा तामस तू सुनहरा सवेरा
मैं तेरा ओ मैं तेरा
मुसाफिर मैं भटका तू मेरा बसेरा
मैं तेरा ओ मैं तेरा
तू जुगनू चमकता
मैं जंगल घनेरा मैं तेरा आ
ओ पिया मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा
हो मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा (हो हो ओ ओ)
मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा (हो हो ओ ओ)
मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा मैं तेरा (हो हो ओ ओ)

Trivia about the song Kalank by Arijit Singh

Who composed the song “Kalank” by Arijit Singh?
The song “Kalank” by Arijit Singh was composed by Amitabh Bhattacharya.

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