Mann Jogiya
तेरे बिना में मेरे बिना तू जचता नहीं
दिल पे जो नाम और कोई रचता नहीं
मन जोगिया-जोगिया, एक तू ही जोग है मेरा
दिल हो गया रोगिया और तू ही रोग है मेरा
मन जोगिया-जोगिया, एक तू ही जोग है मेरा
दिल हो गया रोगिया, और तू ही रोग है मेरा
उम्र भर मैं तेरी परवाह करूं
के मर जाऊं जो तुझे रुसवा करूं
तू सपने देखे जिन्हें मैं पूरा करूं
के अब तो रब भी है दूजा, पहला है तू
नेह का धागा जो लागा यूँ, न तोड़ जाना तू
न छोड़ जाना तू, न छोड़ जाना तू
नेह का धागा जो लागा यूँ, न तोड़ जाना तू
न छोड़ जाना तू, न छोड़ जाना तू
तेरे बिना मैं, मेरे बिना तू जचता नहीं
दिल पे जो नाम और कोई रचता नहीं
तेरे बिना मैं, मेरे बिना तू जचता नहीं
दिल पे जो नाम और कोई रचता नहीं
हाँ संग तेरा जरूरी है, न अब मंजूर दूरी है
मेरे हंसने पे, रोने पे, हक बस है तेरा
के हर सुबह देखूं मैं चेहरा तेरा
तू सांसें बन जा, मैं धड़कूं दिल की तरह
हाँ मेरी पलकों से ओझल होना तू ना
के तुझको देखे बिना न रह पाऊंगा
मन जोगिया-जोगिया, एक तू ही जोग है मेरा
दिल हो गया रोगिया और तू ही रोग है मेरा
मन जोगिया-जोगिया, एक तू ही जोग है मेरा
दिल हो गया रोगिया, और तू ही रोग है मेरा
नेह का धागा जो लागा यूँ, न तोड़ जाना तू
न छोड़ जाना तू, न छोड़ जाना तू
नेह का धागा जो लागा यूँ, न तोड़ जाना तू
न छोड़ जाना तू, न छोड़ जाना तू
हम्म हम्म हम्म हम्म