Phir Aur Kya Chahiye [SloFi]

Amitabha Bhattacharya

बदले तेरे माही
ला के जो कोई सारी
दुनिया भी दे दे अगर
तो किसे दुनिया चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
किसी की ना मदत
ना दुआ चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
सुन हानिए जिंद जानिए
सौ बार जनम लू
तो भी तू ही
हमदम हर दफ़ा चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
तू ही रे तू ही रे
तू ही रे नि हीरिए
तू ही रे तू ही रे
तू ही रे नि हीरिए
तू मेरी मैं हू तेरा रांझा
तू ही रे तू ही रे
तू ही रे नि हीरिए
तू ही रे तू ही रे
तू ही रे नि हीरिए
तू मेरी मैं हू तेरा रांझा
हो जब तक तेरी नींद ना टूटे
उगता नही है सूरज मेरा
ख्वाब रहे किस काम के मेरे
ख्वाब से प्यारा तू सच मेरा
सुन हानिए जिंद जानिए
ज़ख़्मों को मेरे मरहम की जगह
बस तेरा छुआ चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
किसी की ना मदत
ना दुआ चाहिए
तू है तो मुझे
फिर और क्या चाहिए
तू ही रे तू ही रे
तू ही रे नि हीरिए
तू ही रे तू ही रे
तू ही रे नि हीरिए
तू मेरी मैं हू तेरा रांझा
बदले तेरे माही
ला के जो कोई सारी
दुनिया भी दे दे अगर
किसे दुनिया चाहिए

Trivia about the song Phir Aur Kya Chahiye [SloFi] by Arijit Singh

Who composed the song “Phir Aur Kya Chahiye [SloFi]” by Arijit Singh?
The song “Phir Aur Kya Chahiye [SloFi]” by Arijit Singh was composed by Amitabha Bhattacharya.

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