Safar

IRSHAD KAMIL, PRITAM CHAKRABORTY

अब ना मुझको याद बीता
मैं तो लम्हों में जीता
चला जा रहा हूँ
मैं कहाँ पे जा रहा हूँ
कहाँ हूँ
इस यकीन से मैं यहाँ हूँ
की ज़माना ये भला है
और जो राह में मिला है
थोड़ी दूर जो चला है
वो भी आदमी भला था
पता था

ज़रा बस ख़फा था
वो भटका सा राही मेरे गाँव का ही
वो रस्ता पुराना जिसे आनाना
ज़रूरी था लेकिन जो रोया मेरे बिन
वो एक मेरा घर था
पुराना सा डर था
मगर अब ना मैं अपने घर का रहा आ आ
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
मैं रहा वो ओ
मैं रहा वो ओ
मैं रहा आ आ आ वो ओ
रे म प म प रे ग प पा पा पा रा प प प प म प रे म प

नील पत्थरों से मेरी दोस्ती है
चाल मेरी क्या है राह जानती है जाने रोज़ाना
ज़माना वही रोज़ाना
शहर शहर फुरसतों को बेचता हूँ
खाली हाथ जाता खाली लोटता हूँ
ऐसे रोज़ाना रोज़ाना खुद से बेगाना
जबसे गाँव से मैं शहर हुआ
इतना कड़वा हो गया की ज़हर हुआ
मैं तो रोज़ाना
ना चाहा था ये हो जाना मैंने
ये उमर वक़्त रास्ता गुज़रता रहा आ आ
सफ़र का ही था मैं सफ़र का रहा

इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफ़र का ही था मैं सफर का रहा
मैं रहा वो ओ
मैं रहा वो ओ ये ये ओह ओह
मैं रहा मैं रहा वो ओ
ये ये ये ये
मैं रहा मैं रहा हा हा
मैं रहा हा हा
मैं रहा
मैं रहा
मैं रहा
मैं रहा
मैं रहा
सफ़र का ही था मैं सफ़र का रहा

Trivia about the song Safar by Arijit Singh

Who composed the song “Safar” by Arijit Singh?
The song “Safar” by Arijit Singh was composed by IRSHAD KAMIL, PRITAM CHAKRABORTY.

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