Tum Ho

Ashish Pandit

तुम हो मेरे सारे पेहरू में
तुम हो आते जाते चेहरों में
ओ रब की तरहा हर तरफ तुम ही हो
तुम पे लिखूँ क्या हरफ तुम्ही हो
तुम को पढ़ूँ गाउँ मैं
मेरी ढलती शामों में
जो तेरी सुबह घुल जाये
तो रात के सुने पन की
हर एक गिरहाह खुल जाये
तुम हो मेरे सारे पेहरू में
तुम हो ओ आते जाते चेहरों में

तुम से पहले जैसे खुशियों
की लज्जत थी फीकी फीकी
बेतरती भी काम मेरे
जीवन से नाता था नजदीकी
लेकिन जब से तुम आए हो
लेकिन जब से तुम आए हो
बीत रही है ख्वाब सरीखी
तुम हो मन में उठती लहेरों में

इश्क़ से लाखो नाम जुड़े है
चाहे हो बदनाम मोहब्बत
उम्र से भारी बेचेनी में
जन्मो का आराम मोहब्बत
मुझको अपने रंग में रंग ले
मुझको भी अपने रंग रंग ले
करलूँ मैं भी काम मोहब्बत
तुम हो चलदूँ या फिर ठेहरु मैं
तुम हो तुम हो आते जाते चेहरों में
ओ रब की तरहा हर तरफ तुम ही हो
तुम पे लिखू क्या हरफ तुम ही हो
तुम को पढ़ूँ गाउँ मैं
मेरी ढलती शामों में
जो तेरी सुबह गुल जाये
तो रात के सुने पन की
हर एक गिरहाह खुल जाये ए ए ए ए ए ए
आआआआ आआआआ ए हे आ आ हम्म आआआ
निनिसा सारेसा रेमसानि रेगरेग मसानिसा
हे निपधप सानिरेग रेगरेनि सानिसाध निधनिधनि
गमधनि रेगमध निरेरेनि पगसा
आ आ आ ये ये ये

Trivia about the song Tum Ho by Arijit Singh

Who composed the song “Tum Ho” by Arijit Singh?
The song “Tum Ho” by Arijit Singh was composed by Ashish Pandit.

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