Ae Mere Humnawan Tu Nahin Janta

Chitragupta, Naqsh Lyallpuri

आए मेरे हमनवा तू नही जनता
ये मेरी आरज़ू ये मेरा ख्वाब था
आए मेरे हमनवा तू नही जनता
ये मेरी आरज़ू ये मेरा ख्वाब था
तेरे कदमो से लिपटी रहे ज़िंदगी
तेरी बाहों के घेरे मे आए मज़ा
आए मेरे हमनवा

आ गयी शामे ग़म हो गयी आँखे नम
मेरी तन्हाइयो ने ये रो के कहा
इस जहा को भला और आता है क्या
दिल मोहब्बत भरे तोड़ने के सिवा
आए मेरे हमनवा

फ़सले गुल मे मिले और बिछड़े है हम
फ़सले गुल मे मिले और बिछड़े है हम
दिल मे पलता रहेगा बहारो का ग़म
बहारो का ग़म

वक़्त का ये सितम कैसे भूलेंगे हम
ज़िंदगी हो गयी ज़िंदगी से जुदा
आए मेरे हमनवा

कोई ज़ंजीर हो कोई दीवार हो
कोई ज़ंजीर हो कोई दीवार हो
ग़म नही और भी राह दुश्वार हो
राह दुश्वार हो

फासले मंज़िलो मे बदल जाएँगे
इस हर इंतिहा से गुजर जाएगा

आए मेरे हमनवा तू नही जनता
ये मेरी आरज़ू ये मेरा ख्वाब था
इस जहा को भला और आता है क्या
दिल मोहब्बत भरे तोड़ने के सिवा
आए मेरे हमनवा (आए मेरे हमनवा)

Trivia about the song Ae Mere Humnawan Tu Nahin Janta by Asha Bhosle

Who composed the song “Ae Mere Humnawan Tu Nahin Janta” by Asha Bhosle?
The song “Ae Mere Humnawan Tu Nahin Janta” by Asha Bhosle was composed by Chitragupta, Naqsh Lyallpuri.

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