Ambe Mata Ki Aarti
सर्व मंगल मांगल्ये
शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी
नारायणी नमस्तुते
नमस्तुते नमस्तुते
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
जय जय मंगल कारणि
दुर्गे दुर्गती नाशिनी माँ
चण्ड मुंड विनाशिनी
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
स्वीकारो माँ आरती वंदन
तेरी पूजा
तेरा अर्चन
श्रद्धा भक्ति भाव हैं मेरे
तेरे चरणों में समर्पण
शक्ति शिवानी मात भवानी
करुणा मई जकतारिणीं
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
दुर्गम दुर्ग प्रवास तुम्हारा
सारा जग हैं दास तुम्हारा
जग को प्यारा दर्स तुम्हारा
सब के मन में निवास तुम्हारा
भक्त तिहारे द्वार आये
आस दे भय हारिणि
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
जय जय मंगल कारणि
दुर्गे दुर्गती नाशिनी माँ
चण्ड मुंड विनाशिनी
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
जय जय मंगल कारणि
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी
जय जय जगदम्बे अम्बे भवानी