Dali Pe Baithi Thi Dus Chidiya
डाली पे बैठी थीं दस चिड़ियाँ दस चिड़ियाँ
एक उड़ गई फुर्र से न जाने कहाँ
तो रह गई डाली पे कितनी चिड़ियाँ, कितनी चिड़ियाँ
नौ चिड़ियाँ, हाँ नौ चिड़ियाँ
उड़ते-उड़ते चिड़िया पहुँची कमला नेहरू पार्क में
कमला नेहरू पार्क में
कमला नेहरू पार्क की निराली शान-बान निराली शान-बान
बच्चो तुमने देखा है वो जूते का मकान जूते का मकान
जूते पे बैठी थीं नौ चिड़ियाँ नौ चिड़ियाँ
दो उड़ गईं फुर्र से न जाने कहाँ
तो रह गईं जूते पे कितनी चिड़ियाँ, कितनी चिड़ियाँ
सात चिड़ियाँ, हाँ सात चिड़ियाँ
उड़ते-उड़ते चिड़िया पहुँची कलकत्ता मैदान में
कलकत्ता मैदान में
रसगुल्ला मशहूर जहाँ का सारे हिंदुस्तान में
सारे हिंदुस्तान में
कलकत्ते के चिडियाघर की देखो तो बहार देखो तो बहार
लंबे-लंबे दातोंवाले हाथी चार-चार हाथी चार-चार
हाथी पे बैठी थीं सात चिड़ियाँ सात चिड़ियाँ
तीन उड़ गईं फुर्र से न जाने कहाँ
तो रह गईं हाथी पे कितनी चिड़ियाँ, कितनी चिड़ियाँ
सात में से तीन गईं, चार चिड़ियाँ, हाँ चार चिड़ियाँ
उड़ते-उड़ते चिड़िया पहुँची दिल्ली, क़ुतुब मीनार पे
दिल्ली, क़ुतुब मीनार पे
पर फैलाकर, शीश नवाकर, बिनती की सरकार से
बिनती की सरकार से
दिल्ली सबसे प्यारी, हमको दिल्ली में बसाओ दिल्ली में बसाओ
छूटे हैं जो संगी-साथी उनको भी बुलाओ उनको भी बुलाओ
दिल्ली में आईं सभी चिड़ियाँ, सभी चिड़ियाँ
रहने लगीं मिलके वो फिर से वहाँ
तो रह गईं दिल्ली में कितनी चिड़ियाँ, कितनी चिड़ियाँ
दस चिड़ियाँ, हाँ दस चिड़ियाँ
दिल्ली में रहती हैं दस चिड़ियाँ, दस चिड़ियाँ