Dekh Li Ae Ishq Teri Mehrbani

GHULAM MOHAMMED, SARDAR MALIK, SHAKEEL BADAYUNI

देख ली ऐ इश्क तेरी
मेहरबानी देख ली
मेहरबानी देख ली
ख़ाक में मिलती हुयी
अपनी जवानी देख ली
मेहरबानी देख ली

आरज़ू तेरी कभी दिल
से निकल सकती नहीं
मेरी उल्फत
ग़म के अंगारों में जल सकती नहीं
आग में रहकर बहारें
ज़िंदगानी देख ली
देख ली ऐ इश्क तेरी
मेहरबानी देख ली
मेहरबानी देख ली

दिल तो कहता है की मैं
सूरज की किरणें तोड़ दूं
गुल से ख़ुश्बू छीन लूँ
कलियों की आँखें फोड़ दूँ
दुनिया वाले मैंने ये
दुनिया इ फ़ानी देख ली
देख ली ऐ इश्क तेरी
मेहरबानी देख ली
मेहरबानी देख ली

जान जाए पर न
जायेगी वफ़ा की आबरू

यादगार इ इश्क़ होंगे
एक हम और एक तू

हर ज़बान पर मैंने उल्फ़त
की कहानी देख ली

देख ली ऐ इश्क तेरी
मेहरबानी देख ली
मेहरबानी देख ली

Trivia about the song Dekh Li Ae Ishq Teri Mehrbani by Asha Bhosle

Who composed the song “Dekh Li Ae Ishq Teri Mehrbani” by Asha Bhosle?
The song “Dekh Li Ae Ishq Teri Mehrbani” by Asha Bhosle was composed by GHULAM MOHAMMED, SARDAR MALIK, SHAKEEL BADAYUNI.

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