Do Boonden Sawan Ki Haye

Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi

दो बूँदें सावन की
हाय दो बूँदें सावन की
एक सागर की सिप में टपके
और मोती बन जाए
दूजी गंदे जल में गिरकर
अपना आप गवाये
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो बूँदें सावन की
हाय दो बूँदें सावन की

दो कलियां गुलशन की
हाय दो कलियां गुलशन की
एक सेहरे के बिच गधे
और मन ही मन इतराये
एक अर्थी की भेट चढ़े
और धूलि में मिल जाए
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो कलियां गुलशन की
हाय दो कलियां गुलशन की

दो सखियां बचपन की
हाय दो सखियां बचपन की
एक सिंहासन पर बैठे
और रुपमति कहलाये
दूजी अपने रूप के कारण
गलियों में बिक जाए
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो सखियां बचपन की

Trivia about the song Do Boonden Sawan Ki Haye by Asha Bhosle

Who composed the song “Do Boonden Sawan Ki Haye” by Asha Bhosle?
The song “Do Boonden Sawan Ki Haye” by Asha Bhosle was composed by Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi.

Most popular songs of Asha Bhosle

Other artists of Pop rock