Ek Pardesi Door Se Aaya

Ravi, Sahir Ludhianvi

एक परदेसी दूर से आवा
लड़की पर हक़ अपना जताया
घर वालों ने हामी भर दी
परदेसी की मर्जी कर दी
प्यार के वादें हुए ना पुरे
रह गये सारे ख्वाब अधूरे
छोड़ के साथी और हम साये
चल दी लड़की देश पराये
दो बाहों की हार ने रोका
वादों की दीवार ने रोका
घायल दिल का प्यार पुकारा
आँचल का हर तार पुकारा
पर लड़की कुछ मुँह से ना बोली
पत्थर बन कर गैर की हो ली
अब गुम हम हैरान सी हैं वो
मुझसे भी अनजान सी हैं वो

जब भी देखो चुप रहती हैं
कहती हैं तो ये कहती हैं
कल के बात ना कोई जाने
कहते हैं ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या होगा
जो भी होगा अच्छा होगा
ये मत सोचो कल क्या होगा
जो भी होगा अच्छा होगा
ये मत सोचो कल क्या होगा

Trivia about the song Ek Pardesi Door Se Aaya by Asha Bhosle

Who composed the song “Ek Pardesi Door Se Aaya” by Asha Bhosle?
The song “Ek Pardesi Door Se Aaya” by Asha Bhosle was composed by Ravi, Sahir Ludhianvi.

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