Hamen Raston Ki Jaroorat

Gulzaar

हमे रास्तों की
ज़रूरत नही है
हमे तेरे पाओ के
निशा मिल गये है
हमे रास्तों की
ज़रूरत नही है
हमे तेरे पाओ के
निशा मिल गये है
हमे रस्तो की

भटकने का डर है ना
खोने का डर है
जहा तेरा साया
वाहा अपना घर है

भटकने का डर है
ना खोने का डर है
जहा तेरा साया वाहा अपना
घर है जमी पे हमे
हो जमी पे हमे
आसमान मिल गये है
हमे रास्तों की
ज़रूरत नही है
हमे तेरे पाओ के
निशा मिल गये है
हमे रस्तो की

बड़ी आरजू थी के
वो दिन भी आए
तेरे नाम से हम
खुद को बुलाए

बड़ी आरजू थी के
वो दिन भी आए
तेरे नाम से हम
खुद को बुलाए
तेरे नाम से
ओ तेरे नाम से
दो जहा मिल गये है
हमे रास्तों की
ज़रूरत नही है
हमे तेरे पाओ के
निशा मिल गये है
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

Trivia about the song Hamen Raston Ki Jaroorat by Asha Bhosle

Who composed the song “Hamen Raston Ki Jaroorat” by Asha Bhosle?
The song “Hamen Raston Ki Jaroorat” by Asha Bhosle was composed by Gulzaar.

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