Humsafar Saath Apna Chhod Chale [Classic Revival]

MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI

हमसफ़र साथ अपना छोड़ चले
हमसफ़र साथ अपना छोड़ चले
रिश्ते नाते वो सारे तोड़ चले
हमसफ़र साथ

हमसफ़र साथ अपना छोड़ चले
हमसफ़र साथ

रास्ता साफ़ था तो चलाते रहे
साथ हँसते रहे मचलते रहे
मोड़ आया तो मुह को मोड़ चले
हमसफ़र साथ

सपने टूटे पड़े है राहों में
सपने टूटे पड़े है राहों में
दर्द की धूल है निगाहों में
दिल पे क़दमो के नक़्श छोड़ चले
हमसफ़र साथ अपना छोड़ चले
हमसफ़र साथ

जब उन्हें हम से प्यार ही न रहा
रोये क्या इंतज़ार भी न रहा
हम भी दामन को अब निचोड चले
हमसफ़र साथ अपना छोड़ चले
रिश्ते नाते वो सारे तोड़ चले
हमसफ़र साथ

Trivia about the song Humsafar Saath Apna Chhod Chale [Classic Revival] by Asha Bhosle

Who composed the song “Humsafar Saath Apna Chhod Chale [Classic Revival]” by Asha Bhosle?
The song “Humsafar Saath Apna Chhod Chale [Classic Revival]” by Asha Bhosle was composed by MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI.

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