Ishq Ek Zahar Sahi

MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN

इश्क एक ज़हर सही फिर भी पिए जाता हूँ
दिल के वीराने को आबाद किये जाता हूँ.
इश्क एक ज़हर सही

और दुनिया में
आह आ और दुनिया में वफ़ा पर से बड़ा काम हैं क्या
बस यही सोच के वे काम किये जाता हूँ
दिल के वीराने को आबाद किये जाता हूँ
इश्क एक ज़हर सही

जो किसी रोज़ मेरे
आह आ जो किसी रोज मेरे मौत का बैस होंगे
उन हसीनों की तमन्ना में जिये जाता हूँ
दिल के वीराने को आबाद किये जाता हूँ
इश्क एक ज़हर सही

मुझको मालूम नहीं
आह आ मुझको मालूम नहीं लोग मगर कहते हैं
सोते सोते हाँ आ सोते सोते
हाँ आ सोते सोते भी तेरा नाम लिये जाता हूँ
दिल के वीराने को आबाद किये जाता हूँ
इश्क एक ज़हर सही फिर भी पिए जाता हूँ
दिल के वीराने को आबाद किये जाता हूँ
इश्क एक ज़हर सही

Trivia about the song Ishq Ek Zahar Sahi by Asha Bhosle

Who composed the song “Ishq Ek Zahar Sahi” by Asha Bhosle?
The song “Ishq Ek Zahar Sahi” by Asha Bhosle was composed by MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHAN.

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