Jaise Ho Gunjta Surilaa Sur

Bharat Vyas

जैसे हो गूँजता सुरीला सुर किसी की ताल का
लगता मधुर मधुर मुझे बंधन तुम्हारे प्यार का
जैसे हो गूँजता सुरीला सुर किसी की ताल का
लगता मधुर मधुर मधुर मुझे बंधन तुम्हारे प्यार का

तुमसे सजन यू बँधी जैसे पतंग से डोर रहे
हो ओ ओ ओ ओ
तुमसे सजन
तुमसे सजन यू बँधी जैसे पतंग से डोर रहे
सागर के क्यों हिलोरे
सागर के क्यों हिलोरे रे चंदा से ज्यू चकोर रे
चंदा से ज्यू चकोर
ज्योति मेरे नयन की तू हो
ज्योति मेरे नयन की तू मोती मेरे सिंगार का
लगता मधुर हो
लगता मधुर मधुर मुझे बंधन तुम्हारे प्यार का

हो ओ ओ ओ ओ
सपने सुनहरे जिंदगी के आज झील मिला रहे
तुझसे उलझ गया है रे हो ओ ओ
तुझसे उलझ गया है रे
आचल मेरे दुलारा का लगता मधुर हो
लगता मधुर मधुर मधुर मुझे बंधन तुम्हारे प्यार का
जैसे हो गूँजता सुरीला सुर किसी की ताल का
लगता मधुर मधुर मुझे बंधन तुम्हारे प्यार का

Trivia about the song Jaise Ho Gunjta Surilaa Sur by Asha Bhosle

Who composed the song “Jaise Ho Gunjta Surilaa Sur” by Asha Bhosle?
The song “Jaise Ho Gunjta Surilaa Sur” by Asha Bhosle was composed by Bharat Vyas.

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