Kabhi Kabhi Saiyan Sharab Peeke
कभी कभी सैया शराब पीके आये
कभी कभी सैया शराब पीके आये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
कभी कभी सैया शराब पीके आये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
नशे के आलम में मुझे गुलफाम कहे
बेखुदी में न जाने क्या क्या बेईमान कहे
बिन पिए मुझको नशा रात भर समां जाये
लेके बहो में मुझे जब वो मेरी जान काहे
सैया शराबी झूटी बतिया बनाये
सैया शराबी झूटी बतिया बनाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
सुभा हो जाये तो ज़ालिम नज़रे चुराने लगे
मै जान बुझ के रुठु तो वो मानने लगे
रात की बात पे थोड़ी जो शिकायत मई करू
नहीं पीने की कसम बार बार कहने लगे
ऐसी सादादिली पे प्यार आ जाये
ऐसी सादादिली पे प्यार आ जाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
कभी कभी सैया शराब पीके आये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये
बात करे ऐसी नशा मुझपे चढ़ जाये