Kadmon Men Sama Ke
आ आ आ आ आ
क़दमों के शामा के परवाने
कभी हँसते हैं
कभी रोते हैं आ आ आ
दामन से लिपट कर दीवाने
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं (कभी हँसते हैं कभी रोते हैं)
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं (कभी हँसते हैं कभी रोते हैं)
दामन से लिपट कर दीवाने
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं
आ आ आ
बेखुदी का इक अंदाज़ लिए
आँखों में सौ सौ नाज़ लिए
आ आ आ आ आ आ आ
कुछ नग़मों की परवाज़ लिए
कुछ सोज़ लिए कुछ साज़ लिए
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
वो सुन कर इश्क़ के ऐ अफ़साने
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं (कभी हँसते हैं कभी रोते हैं)
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं (कभी हँसते हैं कभी रोते हैं)
दामन से लिपट कर दीवाने
कभी हँसते है कभी रोते हैं
जी कभी हँसते हैं कभी रोते हैं
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
जज़्बात की मस्ती डूब गयी
अश्क़ों में हस्ति डूब गयी
आ आ आ आ आ आ
वो दिल की बस्ती डूब गयी
साहिल से कश्ती डूब गयी
साहिल से कश्ती हाँ हाँ
साहिल से कश्ती डूब गयी
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
साहिल से कश्ती डूब गयी
साहिल से कश्ती डूब गयी
साहिल से कश्ती डूब गयी
साहिल से कश्ती डूब गयी
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
दीवाने मगर हैं दीवाने
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं (कभी हँसते हैं कभी रोते हैं)
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं (कभी हँसते हैं कभी रोते हैं)
दामन से लिपट कर दीवाने
कभी हँसते हैं कभी रोते हैं
जी कभी हँसते हैं कभी रोते हैं