Kahin Se Sham Hote Hi
ना जाने तुम को तन्हाई में
रोती हू कहा जा के
ना जाने तुम को तन्हाई में
रोती हू कहा जा के
मगर रातो को हमारे
ये साथी भाग जाते है
कहीं से शाम होते ही
सितारे आ ही जाते है
ये सुनते है मोहब्बत में
कभी ऐसा भी होता हा
ये सुनते है मोहब्बत में
कभी ऐसा भी होता है
कुच्छ ल़ाहेरो तलाक़ चल कर
किनारे आही जाती है
कहीं से शाम होते ही
सितारे आ ही जाते है