Kaisa Kutil Bidhan Tumhara
कैसे कुटील विधान तुम्हारा अरे कठोर विधाता
आँख बंद कर सोये लाल और जागे अभागन माता
आँख बंद कर सोये लाल और जागे अभागन माता
जिन पुत्रों के आँखों से हम अग्नि प्राह थे पाते
आज उन्ही पुत्रों की मात पिता हम चिता जलाते
आस्मां आसमां तू नीचे देख कर क्यों नहीं रे फट जाता
आँख बंद कर सोये लाल और जागे अभागन माता
जागे अभागन माता
कभी ना शीतल होने पायी जबरी की ये ज्वाला
अभी नहीं मुरझाने पायी फूलों की वरमाला हाय
फूलों की वरमाला
अभी चूडियाँ खनक रही वी हाथों में मतवाले
अभी सूखने भी पायी ना ये सिंदूर की लाली विधाता
ये सिंदूर की लाली
नव वधु के नव सुहाग पर तूने तीर चलाया
मेहंदी की लाली को निर्दय तूने खून बनाया हाय
तूने खून बनाया
(?)
हे जगदमबे हे जगद़म्बे किसने तोडा जो अटूट था नाता
आँख बंद कर सोये लाल और जागे अभागन माता
आँख बंद कर सोये लाल और जागे अभागन माता
जागे अभागन माता