Koi Bhi Mausam Aaye Ki Jaye

Ravindra Jain

ओ ओ ओ ओ ओ आ आ
कोई भी मौसम आये के जाये
बिछड़ेंगे अब न तेरे मेरे साये
मैं तेरी ही बनके रहूँगी सजना
मैं तेरे ही कारन जीऊँगी सजना
कोई भी मौसम आये के जाये
बिछड़ेंगे अब न तेरे मेरे साये

मैं हूँ तेरा फूल
तू हैं मेरी खुशबू
तेरे बिना मैं कुछ नहीं हैं
ये मत भूल के मैं हूँ तेरी छाया
जहाँ तू है मैं भी वही हूँ
कितना ही कोई मुझको बुलाये
कुछ नहीं देखु तेरे सिवाय
कोई भी मौसम आये के जाये
बिछड़ेंगे अब न तेरे मेरे साये

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ आ आ
कभी किसी रोज़ जो मैं न रहूंगी
रहे जायेगा ये तराना
जन्मो के ये मीत दिलो के ये रिश्ते
तुम भी युगों तक निभाना
रखना मुझे यूँही दिल से लगाये
वादा करो न होंगे पराये
कोई भी मौसम आये के जाये
बिछड़ेंगे अब न तेरे मेरे साये

Trivia about the song Koi Bhi Mausam Aaye Ki Jaye by Asha Bhosle

Who composed the song “Koi Bhi Mausam Aaye Ki Jaye” by Asha Bhosle?
The song “Koi Bhi Mausam Aaye Ki Jaye” by Asha Bhosle was composed by Ravindra Jain.

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