Lachakta Jism

Bappi Lahiri, Hassan Kamal

लचकता जिस्म जलते लब
सुलगता हुस्न तेरा है
लचकता जिस्म जलते लब
सुलगता हुस्न तेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है

अदाएँ जानलेवा हैं
फ़ज़ाएँ ख़ूबसूरत हैं
मिले हैं चार लम्हे
जो मोहब्बत की गणिमत है
अदाएँ जानलेवा हैं
फ़ज़ाएँ ख़ूबसूरत हैं
मिले हैं चार लम्हे
जो मोहब्बत की गणिमत है
गुज़रता वक़्त ऐ जालिम
ना तेरा है ना मेरा है
गुज़रता वक़्त ऐ जालिम
ना तेरा है ना मेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है
लचकता जिस्म जलते
लब सुलगता हुस्न तेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है

जो मंज़िल छूट गई
उसकी तरफ़ अब देखना कैसा
नई राहें हैं तेरे
सामने अब सोचना कैसा
जो मंज़िल छूट गई
उसकी तरफ़ अब देखना कैसा
नई राहें हैं तेरे
सामने अब सोचना कैसा
इन्हीं राहों पे जाने जा
तेरे ख़्वाबों का डेरा है
इन्हीं राहों पे जाने जा
तेरे ख़्वाबों का डेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है
लचकता जिस्म जलते
लब सुलगता हुस्न तेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है
मेरी जुल्फों तले आजा
बड़ा रंगी अंधेरा है

Trivia about the song Lachakta Jism by Asha Bhosle

Who composed the song “Lachakta Jism” by Asha Bhosle?
The song “Lachakta Jism” by Asha Bhosle was composed by Bappi Lahiri, Hassan Kamal.

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