Mere Kareeb Aake Pee
अभी ज़रा सी देर में
ये रात गुंगुनायेगी
अभी ज़रा सी देर में
ये रात गुंगुनायेगी
ये धड़कनों की लय
कोई हसीं धुन सुनायेगी
न तुझको नींद आएगी
न मुझको नींद आएगी
मेरे करीब आके पी
ये फासला मिटा के पी
मेरे करीब आके पी
ये फासला मिटा के पी
जो तू कहे तो झूमती
महकती जुल्फ़ खोल दू सनम
तेरी शराब में
लबों का रंग घोल दू
तेरी नजर नजर पे मैं
इन का फूल टोल दू
मेरे करीब आके पी
ये फासला मिटा के पी
मेरे करीब आके पी
ये फासला मिटा के पी
ये रात एक उम्र है
है उम्र प्यार के लिए
यु अजनबी से बांके हम
अगर जिए तो क्या जिए
तू उन गमो को भूल जा
जो गम है वक़्त ने दिए
मेरे करीब आके पी
ये फासला मिटा के पी
अभी ज़रा सी देर में
ये रात गुंगुनायेगी
ये धड़कनों की लय
कोई हसीं धुन सुनायेगी
न तुझको नींद आएगी
न मुझको नींद आएगी
मेरे करीब आके पी
ये फासला मिटा के पी