More Daihya Balam Ki Zamindari

ANJAAN, CHITRAGUPTA

महफ़िल मे आइए
ओ महफ़िल मे आइए
नज़रे मिलाइए
पान वान खाइए खुश्बू उदाइए
मगर जानेमन मेरे गोरे बदन को
खुदा के लिए ऐसे हाथ ना लगाइए
क्यूकी, मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे

काहे मारे नज़र दुनिया सारी रे
काहे मारे नज़र दुनिया सारी रे
मोरी दहिया
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे

जैसी गंगा की लहर ऐसा मेरा कोरा बदन
जैसी गंगा की लहर
जैसी गंगा की लहर ऐसा मेरा कोरा बदन
खिला खिला ये जवानी का ख़ुशगवार चमन
ये चमन उसके किए, ये बदन वो ही च्छुए
मेरा दिल मान चुका जिसको एक बार सजन
करू सारी उमर ताबेदारी रे
करू सारी उमर
करू सारी उमर ताबेदारी रे
मोरी दहिया
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे

मेरे शबाब पे चलता किसी का ज़ोर नही
मेरे शबाब पे
मेरे शबाब पे चलता किसी का ज़ोर नही
मैं वो पतंग नही जिसकी कोई डोर नही
ज़माना मुझ पे मरे, फरेब लाख करे
चुराले मुझसे मुझे ऐसा कोई चोर नही
करे बलमा मेरी पहरेदारी रे
करे बलमा
करे बलमा मेरी पहरेदारी रे
मोरी दहिया
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे
काहे मारे नज़र दुनिया सारी रे
काहे मारे नज़र दुनिया सारी रे
मोरी दहिया
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे
मोरी दहिया बलम की ज़मिदारी रे

Trivia about the song More Daihya Balam Ki Zamindari by Asha Bhosle

Who composed the song “More Daihya Balam Ki Zamindari” by Asha Bhosle?
The song “More Daihya Balam Ki Zamindari” by Asha Bhosle was composed by ANJAAN, CHITRAGUPTA.

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