Nazron Ke Tir Mare Kas Kas

Qamar Jalalabadi, O P Nayyar

नजरों के तीर मारे कस कस कस
एक नहीं दो नहीं आठ नौ दस

हां सैया मै तो हार गयी बस बस बस
ओ हो बस बस बस बस

हाय नजरों के तीर मारे कस कस कस (आहा)

गोरी ये कलाई कैसी नरम मलाई जैसी
तेरे तो मैं वारी जवा बलिये हाहाहा
लम्बी लम्बी गन्ने जैसी देखि न हसीं ऐसी
लम्बी लम्बी गन्ने जैसी देखि न हसीं ऐसी
ओ मिस्री दी डलिये

आआआ बातों में मैं तो गयी फस फस फस
एक नहीं दो नहीं आठ नौ दस

आआआ गोरी मै तो हार गया बस बस बस
हाहा बस बस बस बस
नजरों के तीर तीर मारे कस कस कस हम्म हम्म

दूर ही रहना सैया
फिर नहीं कहना सैया
रखना जी दिल को संभाल के आआआ
ऊपर से भोलि हु मै
अंदर से गोली हु मै
ऊपर से भोलि हु मै
अंदर से गोली हु मै
रखे है नाग मैंने पाल के

हाय जुल्फो के नाग गए दस दस दस
एक नहीं दो नहीं आठ नौ दस

आआआ सैया मै तो हार गयी बस बस बस
ओ हो बस बस बस बस

नजरों के तीर तीर मारे कस कस कस
एक नहीं दो नहीं आठ नौ दस

हां सैया मै तो हार गयी बस बस बस
ओ हो बस बस बस बस

नजरों के तीर तीर मारे कस कस कस हम्म हम्म

Trivia about the song Nazron Ke Tir Mare Kas Kas by Asha Bhosle

Who composed the song “Nazron Ke Tir Mare Kas Kas” by Asha Bhosle?
The song “Nazron Ke Tir Mare Kas Kas” by Asha Bhosle was composed by Qamar Jalalabadi, O P Nayyar.

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